Menu
blogid : 1372 postid : 361

भ्रष्टाचारी कैसे सुधरे…………..(व्यंग)

परिवर्तन की ओर.......
परिवर्तन की ओर.......
  • 117 Posts
  • 2690 Comments

भ्रष्टाचार……………….
कई बार लोग ये कहते हुए पाए जाते हैं की ……….. यार उस पद पर तो बहुत है उपरी कमाई……… या कभी कहते हैं की उस विभाग में कुछ भी नहीं हो सकता है………… पर मुझे लगता है की ये भ्रष्टाचार भी एक कला है और एक भ्रष्ट आदमी एक कलाकार …………. जो जितना बड़ा भ्रष्ट वो उतना ही बड़ा कलाकार…………..

एक छोटी सी कहानी जो मैंने अपने ऑफिस के सीनियर अधिकारी से सुनी …….. वो आपके साथ बाटना चाहता हूँ………..

एक बार एक राजा के राज्य में एक भ्रष्ट आदमी था………….. उसके भ्रष्टचार की सुचना आये दिन राजा तक पहुचती ……….. पर राजा के सारे उपाय करने के बाद भी वो नहीं सुधरा…………

फिर एक दिन किसी ने राजा को सलाह दी की……………… क्यों न इसको किसी ऐसी जगह भेजा जाये जहाँ कोई भ्रष्टाचार का तरीका ही न हो……………. तब राजा ने भी सोचा की शायद अगर इसको कोई व्यर्थ का काम दे दिया जाये तो ये सुधर जाये……….

और राजा ने उसको बुलाया और कहा …………….. हम तेरी ईमानदारी से खुश हैं और तुझे समुद्र निरीक्षक नियुक्त करते हैं………….. कुछ समय से लहरों की संख्या में कमी हो गयी है……… तुझे चोर को पकड़ना हैं……………….. वहां तेरा काम लहरों की गिनती करना है…….. रोज कितनी लहरें आती है….. उनका हिसाब रखना है………………

जैसी आज्ञा कहकर वो भ्रष्ट आदमी चला गया ……………. फिर कुछ समय बाद फिर एक व्यक्ति उस आदमी की शिकायत लेकर आया और बोला की उसने वहां भी भ्रष्टाचार फैला दिया है………… राजा हैरान था की वहां कैसे……….

राजा खुद समुद्र तट पर गया और उसने खुद देखा…………….. वो आदमी जैसे ही कोई मछुवारा समुद्र में मछली पकड़ने जाता………….. वो झट उसको पकड़ लेता और कहता की तू ही लहरों की चोरी करता है ….. चल राजा के पास …….. वो मछुवारा जब ये कहता की मालिक हम तो केवल मछली पकड़ने जाते हैं तो वो आदमी ये कह कर की तुम्हारे कारण लहरों की गिनती कम हो गयी……….और उनसे रिश्वत ले लेता……………

राजा ये देख कर हतप्रभ हो गया………… और वो समझ गया की वो भ्रष्टचार उसके पद के कारण नहीं उसके मन के कारण था………………. और अब राजा के पास कोई उपाय न बचा था सिवाय इस के की उसको निकाल बहार किया जाये………..

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply to rita singh 'sarjana'Cancel reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh