Menu
blogid : 1372 postid : 260

आदमी का जीवन और नारी का महत्व……….

परिवर्तन की ओर.......
परिवर्तन की ओर.......
  • 117 Posts
  • 2690 Comments


हर तरफ कन्या भ्रूण हत्या के सम्बन्ध में बहस चल रही है……….. सब कहते हैं कन्या बचाओ………. पर तब तक जब तक की दुसरे ने बचानी है……. लोगों को मैंने बहुत पास से देखा की वो कहते है……… चल यार तेरे घर लक्ष्मी आ गयी…………. पर जब उसके खुद के घर की बात होती है ………… तो वो कहता है……. की लड़का ही होना चाहिए………… बाकि तो हम बहु को भी बेटी ही मानने वाले परिवार के है…… तो बेटा होगा तो बेटी तो बहु के रूप में आ ही जाएगी…….

अर्थात कुल मिलकर हम एक स्त्री का प्रवेश एक बेटी के तौर पर अपने घर में नहीं चाहते हैं…….. पर जब बोलने का मौका और मंच मिलता है……. हम चिल्लाने लगते हैं……. की बचाओ बेटियों को……… ये लक्ष्मी हैं……… पर वो भूल जाते हैं की आखिर हमारे जीवन में एक स्त्री का या स्त्रीलिंग की क्या भूमिका है..

एक आदमी के जीवन में नारी या स्त्रीलिंग का क्या महत्व है………….. ये जरा समझें…….

BeautifulLady

एक आदमी जब पैदा होता है तो एक औरत है जो उसे उस समय जब उसकी जीवन उर्जा बड़ी संवेदनशील होती है तो उसको जो स्त्री संभालती है…………….
वो है उसकी माँ..……

फिर जब थोडा सा बड़ा होता है (बैठने लायक) तो वहां भी एक लड़की ही मिलती है जो उसकी देखरेख करती है उसके साथ खेलती है …. उसका मन बहलाती है……. जब तक की वो इतना बड़ा नहीं हो जाता की बाहर के संसार में अपने दोस्त बना सके……..और ….
वो है उसकी बहिन…………
फिर जब वो स्कूल जाता है तो वहां फिर एक महिला है जो उसकी सहायता करती है….. चीज़ों को समझने में………… उसे सहारा देती है, उसकी कमजोरियों को दूर करने में….. और उसको एक अच्छा इंसान बनाने में…………
वो है उसकी टीचर……….…
फिर जब वो बड़ा होता है……….. और जब जीवन से उसका संघर्ष शुरू होता है…. जब भी वो संघर्ष में वो कमजोर हो जाता है….. तो एक लड़की ही उसको साहस देती है ……
वो है उसकी गर्ल फ्रेंड (सामान्यत:)………..
जब आदमी को जरूरत होती है ……….साथ की अपनी अभिव्यक्ति प्रकट करने के लिए …… अपना दुःख और सुख बाटने के लिए फिर एक लड़की वहां होती है………..
वो है उसकी बीबी………..
फिर जब जीवन के संघर्ष और रोज की मुश्किलों का सामना करते करते आदमी कठोर होने लगता है …….. तब उसे निर्मल बनाने वाली भी एक लड़की ही होती है………..
और वो है उसकी बेटी.…………

और मैं जानता हूँ की जब आदमी की जीवन यात्रा ख़त्म होगी तब फिर एक स्त्रीलिंग ही होगी जिससे उसका अंतिम मिलन होगा ….. जिसमे वो समां कर पूरा हो जायेगा……
और वो होगी मात्रभूमि……..…

.
.
.
.

याद रखें अगर आप मर्द हैं तो सम्मान दें हर महिला को ………………
जो हर पल आपके साथ किसी न किसी रूप में है……….
और अगर आप महिला हैं तो गर्व करें अपने महिला होने पर
.
……………..

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh