ये कोई कविता नहीं है……. ये कुछ बिन्दुओं पर कुछ चीज़ों की अहमियत बताने का प्रयास है……….. पढने में सुविधा और हर लाइन के अलग अलग भाव के कारण कुछ इस तरह से लिखा गया है…………….
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अगर समझना चाहते हो………………..
अहमियत 5 सालों की………
तो पूछिए एक नेता से………
जिसने अपनी जीत को इन 5 सालों तक मानना है…….
या उस नेता से जिसने अपनी इस हार के बाद अगले 5 साल इंतज़ार करना है……..
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अगर समझना चाहते हो………………..
अहमियत 4 सालों की………
तो पूछिए एक इंजीनियरिंग के छात्र से……….
किस तरह उसने इन सालों को बिताया…..
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अगर समझना चाहते हो…………………
अहमियत 1 साल की………
तो पूछिए उस छात्र से……..
जो फेल हो गया हो…………..
उसके लिए कितना मुश्किल है ……..
इस एक साल की भरपाई करना………..
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अगर समझना चाहते हो……………………
अहमियत 9 महीनो की………
उस माँ से जिसने……………..
प्रीमैचयोर बच्चे को जनम दे दिया है………..
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अगर समझना चाहते हो……………………
अहमियत 1 सप्ताह की………
तो पूछिए एक साप्ताहिक अखबार के संपादक से……………
जो सारे हफ्ते उस एक दिन का इंतज़ार करता है………
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अगर समझना चाहते हो…………………
अहमियत 1 मिनट की………
तो पूछिए उस आदमी से…………….
जिसने एक मिनट की देरी से…………..
प्लेन, ट्रेन और बस मिस की हो………..
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अगर समझना चाहते हो……………
अहमियत 1 सेकेण्ड की………
तो पूछिए उस इंसान से…………..
जिसका सेकेण्ड के अन्दर …………..
एक्सीडेंट हो गया हो………..
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अगर समझना चाहते हो………………
अहमियत दोस्त या …………..
परिवार के किसी सदस्य की………
तो पूछो किसी ऐसे इंसान से…………….
जिसने अपने किसी दोस्त…………..
या परिवार के सदस्य को खोया हो………..
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सामय किसी का इंतज़ार नहीं करता………
यहाँ समय का हर परिपेक्ष्य मे अपना अलग महत्त्व है….
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