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क्या हम वाकई आज़ाद है…..
जागरण जंक्शन फोरम का इस बार का विषय……
जागरण ने इस विषय पर एक लंबी भूमिका बनाई है…. पूरी पढ़ें… http://forum.jagranjunction.com/2011/08/15/debate-on-independence-of-indian-citizen/
जिसके कुछ उल्लेखनीय बिन्दु……………..
देश में भ्रष्टाचार की ऐसी आंधी आई हुई है कि आम जनता त्राहिमाम कर रही है। जनता के मूलभूत अधिकारों को सरेआम कुचला जा रहा है। अमीर और भी ज्यादा संपन्न हो रहे हैं, तो गरीब खाने को भी तरस रहा है। अनियमित और असमान वितरण, व्यवस्था पर पूरी तरह कब्जा जमा चुका है।
और इन बिन्दुओं पर केंद्र सरकार का जवाब होता है ये सिस्टम की प्रोब्लेम है….. और हम इसे दूर करने की कोशिश कर रहे हैं….. और ये कोशिश सरकारें पिछले 60 साल से भी लंबे समय से कर रही है….. पर नतीजा जनता जानती है……..
केंद्र सरकार के खिलाफ कई बार आवाज़ उठाई गई…. पर केंद्र ने इनको एक कान से सुन कर दूसरे से निकाल दिया……. या फिर बाबा रामदेव की आवाज़ की तरह ताकत से दबा दिया……. अब उसी केंद्र की गलत नीतियों पर जागरण बहस चाहता है……….
अब सवाल ये है की क्या ये मंच इस बहस के लिए ठीक है………. क्या सुरेश कलमाड़ी की भ्रष्टाचार के उन्मूलन के लिए बुलाई जा रही बैठक मे जाकर कुछ लाभ होगा……
इसे समझने के लिए अब जागरण जंक्शन पर भी प्रकाश डालें……
जागरण के मंच पर कई महीनों ने लगभग 1 साल से अधिक समय से ….. कई ब्लोगर्स ने जागरण की नीतियों पर सवाल उठाएँ……. जिसमे इस मंच के अन्ना राजकमल भाई….. प्रमुख रहे……. पर जेजे ने उनकी सारी बात को एक कान से सुनकर दूसरे से निकालने के अतिरिक्त कुछ नहीं किया…..
जब कोई अन्य इसपर आवाज़ उठता तो जेजे इतना जरूर कहता की ये सिस्टम की समस्या है……… अब जिस तरह भारत का सिस्टम 60 साल से अधिक समय मे नहीं सुधरा …. तो जेजे का एक साल मे कैसे सुधरे……
मुझे ये लगा थे की शायद अब जेजे मे बदलाव आ गया हो……. पर जब बीते दिनों फिर एक लेख को कई दिनों तक अपनी जगह पर अंगद के पैर की तरह जमा तो समझ आ गया की जेजे केंद्र सरकार की तर्ज पर ही चल रहा है….. और यहाँ का सिस्टम भी कभी नहीं सुधरेगा……. देश का सिस्टम तो शायद बाबा रामदेव और अन्ना के साथ मिलकर आवाज़ उठा रहा युवा वर्ग ठीक कर भी ले पर यहाँ कुछ नहीं हो सकता……
एक बात सभी को समझनी होगी……. की गलत के खिलाफ आवाज़ उठाने से पहले ये नहीं देखना चाहिए की इसका मुझे नुकसान हो रहा है की मैं फायदे मे हूँ…… आप भ्रष्ट हैं अगर आप केवल इसलिए भ्रष्टाचार का विरोध नहीं कर रहे हैं……… क्योकि आपको इस भ्रष्टाचार से कुछ फर्क नहीं पड़ा है……. बल्कि इस भ्रष्टाचार के कारण आपके कुछ काम यूं ही आसानी से हो जाते हैं……..
तो जेजे जब तक खुद का सिस्टम नहीं सुधारता है तब तक देश के सिस्टम पर बहस के लिए आमंत्रित न करे……….
बहुत बहस हो चुकी है……. जेजे के सिस्टम को ले कर फिर चाहे वो राजकमल भाई ने की या किसी और ने…….. पर कुछ नहीं हुआ…..
और कोई फर्क नहीं पड़ता है…… जेजे के सिस्टम से किसी को जिनमे रचनात्मकता है वो कहीं भी लिख कर अपनी आवाज़ लोगों तक पहुंचा रहे है……
पर देश के मामले मे ये नहीं है…… हमने इस देश मे जन्म लिया है……. और इसी की मिट्टी मे मिलना है…….. तो इस देश के सिस्टम के सुधार के लिए हम अंत तक (फिर वो चाहे भ्रष्टाचार का हो या फिर खुद का) संघर्ष करेंगे……
सभी लोगों से ये अनुरोध है की आप हर संभव प्रयास करें …… किसी भी रूप मे अन्ना हज़ारे के समर्थन का……. क्योकि याद रखें…… की अगर एक बार ये आवाज़ बिना समर्थन के दब गई (जैसे हर बार राजकमल भाई की दबाई गई)……….. तो सदियों तक कोई और आवाज़ नहीं उठ पाएगी…… ये राजनीति यूं ही जेजे के सिस्टम की तरह रह जाएगी……
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जय हिन्द ……. जय भारत…….
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