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पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने झारखंड में ‘वाट कैन आई गिव’ मिशन की शुरुआत के लिए आयोजित कार्यक्रम में एक वक्तव्य दिया कि …
लोकपाल कानून से सिर्फ जेलें भरेंगी, करप्शन खत्म नहीं होगा…..
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खात्मे की शुरुआत सिर्फ घर से हो सकती है…….
तथा बच्चे और नौजवान इसकी शुरुआत करके देश को भ्रष्टाचार से मुक्त कर सकते हैं…..
और मीडिया व अन्य लोकपाल के विरोधियों ने इसे कुछ इस तरह पेश कर दिया है कि मानो कलाम साहब लोकपाल के खिलाफ हों….
उनका वक्तव्य साफ है….
गौर किया जाए तो उन्होने लोकपाल की ताकत को बताया है, जब वो कहते हैं की इस कानून से सिर्फ जेल भरेंगी तो स्पष्ट हो जाता है की वो ये कह रहे है की इस लोकपाल से भ्रष्ट लोग जेल जाएंगे और हिंदुस्तान मे भ्रष्टों की संख्या इतनी है की सभी जेलें भर जाएंगी…..
ये हम भी जानते है की अपराध कानूनों से खत्म नहीं होते…. उसके लिए हमें नैतिक बनना होगा….
और यही सीख वो बच्चों के दे रहे थे… इसमें उनके द्वारा लोकपाल का विरोध तो कहीं स्पष्ट ही नहीं होता है….
न जाने क्यों हर बयान को राजनीती बना देना हमारे मीडिया व नेताओं की आदत बन चुकी है…
और अफसोस की बुद्धिजीवी वर्ग भी इस से अछूता नहीं है…..
अच्छी बात करने से कहीं जरूरी है किसी की कही अच्छी बात को ठीक ठीक समझना……. जो अधिक जरूरी है……….
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